हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।
अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन shiv chalisa in hindi छार लगाये॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
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कमल नयन shiv chalisa in hindi पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥